kavita
शीर्षक | कवयित्री | प्रतिक्रिया | नवीन |
---|---|---|---|
सोहळा | प्रफे | 12 | |
सोबत | प्रफे | 12 | |
सावर रे मना | अबोली | 12 | |
बायकांनी हे ही बोलावं... | सानी | 12 | |
विठ्ठल विठ्ठल | विजया केळकर | 12 | |
रात्रीच्या निळ्याशार डोहात डुंबताना.... | कविता१९७८ | 13 | |
आरती - संत वॅलेंतिनची | मामी | 13 | |
शब्द | अन्जू | 13 | |
... | अवल | 13 | |
वाटेवर चालत जाता | मी कल्याणी | 13 | |
संवाद | प्रफे | 13 | |
माझा वेडा पाऊस | विनि | 13 | |
गाणं | चिन्नु | 13 | |
पांचाळेश्वराच्या पिंपळ वृक्षासाठी | वाइज आउल | 13 | |
मनोगत | विजया केळकर | 14 | |
किती पहायचे ऋतू | सुप्रु | 14 | |
तो निमित्त | अंजली मायदेव | 14 | |
मला माझी लायकी काही केल्या सापडत नाही! | मुग्धमानसी | 14 | |
खेच ( वेगळी) | अवल | 14 | |
गप्पा | अन्जू | 14 | |
काळा | अनुजा मंदार | 14 | |
सांज-केशर | सकाळ | 14 | |
कुर्ता | श्यामली | 15 | |
Infatuation | अनुजा मंदार | 15 | |
हरवलेला पाऊस | मॅगी | 15 | |
साक्षात्कार | सुमुक्ता | 15 | |
आपापलं ऊन | मॅगी | 15 | |
आग | मॅगी | 16 | |
स्थित्यंतर | प्रफे | 16 | |
अश्या या पावसात तू असावंस.. | सकाळ | 16 |
पाने
हिंदी / मराठी
इंग्लीशUse Ctrl+\ to toggle
इंग्लीशUse Ctrl+\ to toggle
नवीन सदस्यांनी (अथवा जुन्याजाणत्या सदस्यांनी दिली नसल्यास त्यांनी) कृपया आपली ओळख येथे करुन द्यावी!