kavita
शीर्षक | कवयित्री | प्रतिक्रिया | नवीन |
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चल सखे... | मी कल्याणी | 7 | |
चांदणी चौक | मॅगी | 26 | |
चाहुल | केतु | 5 | |
चैत्रगौर | विजया केळकर | 1 | |
छाया शिल्प | अवल | 6 | |
जनुके | रश्मी भागवत | 4 | |
जय गजानन जय गजानन | विजया केळकर | 2 | |
जय हरि विठ्ठल..... | विजया केळकर | 0 | |
जात बोलते काहीबाही | श्यामली | 8 | |
जाहल्या काही चुका...( पाडगावकरांची क्षमा मागून __/\__) | अवल | 4 | |
जीर्ण गोष्ट | प्रफे | 17 | |
जीवन गाणं | विजया केळकर | 8 | |
जेव्हा वयाची पंचाहत्तरी येते | विजया केळकर | 25 | |
जेव्हा वयाची पंच्याहत्तरी येते — २ | विजया केळकर | 3 | |
झण्ण! | नीधप | 20 | |
झुला | रश्मी भागवत | 1 | |
टायटानिक | मेघना एम.एच. | 7 | |
टुमदार बंगली | विजया केळकर | 0 | |
तगमग | प्रफे | 19 | |
ती उमेद | तृप्ती | 3 | |
ती राधा होती, हरीच्या अधरी... | अवल | 9 | |
तुझ्यातली मी, माझ्यातला तु. | सानि | 0 | |
तुझ्यासवे तुझ्यामनी | कविन | 11 | |
तुझ्यासाठी.. | पियु | 17 | |
तुम्हीच का ते? | मुग्धमानसी | 5 | |
तू जेव्हा श्रावण बनून आला | देवयानी | 2 | |
तेजोमय मित्रा | विजया केळकर | 2 | |
तो निमित्त | अंजली मायदेव | 14 | |
थोडे दिवस | सुमुक्ता | 6 | |
दरवळ... | मी कल्याणी | 2 |
पाने
हिंदी / मराठी
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